Site icon Bhakti Parv

गणेश चालीसा 2025: हर विघ्न दूर करने वाला चमत्कारी पाठ और इसका महत्व

Lord Ganesha blessing devotees with divine aura, diyas, and Sanskrit mantras — symbolizing the miraculous power of Ganesh Chalisa 2025.

श्री गणेश जी का चमत्कारी स्वरूप — जो हर विघ्न का नाश करते हैं और भक्तों को सफलता व समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

Author: BhaktiParv.com


दोहा

जय गणपति, गुणों के धाम, कविवर बदन कृपाल।
विघ्न विनाशक, मंगल कारक, जय जय गिरिजालाल॥


चौपाई

जय जय जय गणपति महाराजू।
मंगलकारी, शुभ कार्य सजाजू॥

जय गजमुख, सुख के दाता।
विश्व विनायक, बुद्धि विधाता॥

वक्रतुंड, शुचि शुण्ड सुहावन।
त्रिपुण्ड तिलक भाल मन भावन॥

रत्न-मुक्ता की सुंदर माला।
स्वर्ण मुकुट शिर, नेत्र निराला॥

हाथों में पुस्तक, कुठार, त्रिशूला।
मोदक, पुष्प, सुगंधित फूलां॥

पीताम्बर तन शोभा धारी।
पादुका से मुनिजन प्यारी॥

धन्य शिवसुत, षडानन भ्राता।
गौरी पुत्र, जग के विधाता॥

ऋद्धि-सिद्धि डुलावें चंवर प्यारे।
मूषक वाहन शोभा द्वारे॥


गणेश जन्म कथा

कहिए अब शुभ जन्म तुम्हारा।
पावन मंगलमय वह कारा॥

एक दिवस गिरिराजकुमारी।
पुत्र हेतु तपस्या भारी॥

जब यज्ञ पूर्ण हुआ सुखकारी।
तब आए तुम द्विज रूप धारी॥

अतिथि जान, गौरी सुख पाई।
सेवा कर मन में हरषाई॥

तुम प्रसन्न होकर वर दीन्हा।
“तप का फल पुत्र रूप में लीन्हा”॥

“बिना गर्भ के पुत्र मिलेगा,
ज्ञान-विवेक से घर खिलेगा।”

ऐसे कह अंतर्धान हो गए।
क्षणभर में बाल रूप ले लिए॥

बालक बन कर रुदन मचाया।
गौरी का हृदय पुलकाया॥

सुख के गीत सभी ने गाए।
देवों ने पुष्प वर्षा कराए॥

शंकर-उमा ने दान लुटाए।
देव-मुनि दर्शन को आए॥


शनि दृष्टि प्रसंग

उत्सव में आए शनि राजा।
गिरिजा बोलीं — “देखो साजा।”

शनि मन में संकोच जताया।
“मुझे देख बालक न भाया।”

गिरिजा हँसी, आग्रह कीन्हा।
बालक देखन हेतु कहीन्हा॥

ज्योंहि शनि ने दृष्टि उठाई।
बालक का शिर उड़ि गगन चढ़ाई॥

गिरिजा मूर्छित, धरनी डोली।
कैलाश पुकार उठा भोली॥

विष्णु तुरंत गरुड़ पर आए।
चक्र से गज शिर शीघ्र लाए॥

बालक के तन पर वह धराया।
शंकर ने प्राण मंत्र सुनाया॥

नाम रखा गणेश, पूज्य महान।
बुद्धि-निधि, विघ्न-विनाशक भगवान॥


गणेश की बुद्धि परीक्षा

शिव ने बुद्धि परीक्षा ठानी।
“धरती की प्रदक्षिणा कर आनी।”

षडानन निकले भ्रमण को तत्पर।
पर गणेश जी रहे समझकर॥

माता-पिता के चरण गहे।
सात प्रदक्षिणा कीन्हे रहे॥

शिव प्रसन्न हुए यह देख।
गणेश हुए बुद्धि में एक॥

देवों ने पुष्प वर्षा की।
शिव-उमा ने वंदना दी॥


महिमा और विनय

तुम्हारी महिमा अपरंपार।
शेष सहस मुख गा न सके बार-बार॥

मैं अज्ञानी, दुख से भारी।
कैसे करूँ विनती तुम्हारी॥

हे प्रभु! दया दृष्टि अब कीजै।
भक्ति और शक्ति कृपा से दीजै॥


दोहा

जो गणेश चालीसा ध्यान लगाकर पढ़े।
उसके घर में मंगल रहे, जग में यश बढ़े॥

सम्वत सहस्र दश ऋषि पंचमी दिवस महान।
पूरण चालीसा लिखी गई, मंगलमूर्ति गणेश भगवान॥


अर्थ और महत्व

यह गणेश चालीसा केवल एक स्तुति नहीं, बल्कि श्रद्धा, ज्ञान और सफलता का मार्ग है।
हर चौपाई में जीवन के लिए एक संदेश छिपा है —
कहीं बुद्धि का महत्व बताया गया है, कहीं अहंकार से बचने की सीख दी गई है।

जो भक्त इसे नियमित रूप से श्रद्धा से पढ़ते हैं, उनके जीवन से सभी विघ्न दूर हो जाते हैं।
गृहस्थ जीवन में शांति, व्यवसाय में उन्नति और मन में संतोष प्राप्त होता है।


गणेश चालीसा पाठ के लाभ


पाठ विधि

  1. सुबह या संध्या के समय स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
  3. लाल या पीले पुष्प, दूर्वा और मोदक का भोग लगाएं।
  4. मन को एकाग्र कर श्रद्धा से चालीसा का पाठ करें।
  5. पाठ के बाद “ॐ गण गणपतये नमः” का जाप करें।

गणेश चालीसा 2025 केवल मंत्रों का संग्रह नहीं, यह जीवन दर्शन है।
इसका पाठ मन में श्रद्धा, विचारों में शुद्धता और जीवन में सफलता लाता है।
हर कार्य की शुरुआत गणेश जी के नाम से करें,
क्योंकि वे ही हैं सफलता, शांति और सद्गति के अधिपति।


Category: Ganesh Festival 2025 | Lord Ganesha | Hindu Devotion

🙏 पूरी गणेश चालीसा सुनने और उसका अर्थ जानने के लिए नीचे दिया गया वीडियो ज़रूर देखें 👇
🎥 Ganesh Chalisa Dekhne Ke Liye — Click Here to Watch Full Video

Exit mobile version