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खाटू श्याम जयंती 2025: तिथि, पूजा विधि और महत्व

Khatu Shyam Ji beautifully decorated with flowers and devotees performing puja on Khatu Shyam Jayanti 2025

Khatu Shyam Jayanti 2025 – Celebrate the divine birth of Shyam Baba with devotion, puja vidhi, and faith.

Author: BhaktiParv.com


परिचय

खाटू श्याम जी जिन्हें “हारे का सहारा” कहा जाता है, भक्तों के हृदय में अपार श्रद्धा और आस्था के प्रतीक हैं। उनके जन्मोत्सव यानी खाटू श्याम जयंती 2025 का इंतजार भक्त पूरे वर्ष करते हैं। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के वरदान से जुड़ा है, जब महाभारत के समय बर्बरीक को “श्याम” नाम से पूजा जाने का आशीर्वाद मिला था।

खाटू श्याम जयंती का पर्व राजस्थान के सीकर जिले स्थित खाटू धाम में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। देश-विदेश से लाखों भक्त इस दिन दर्शन और आशीर्वाद पाने आते हैं।


खाटू श्याम जयंती 2025 की तिथि

वर्ष 2025 में खाटू श्याम जयंती यानी श्याम बाबा का जन्मदिन 1 नवंबर 2025 (शनिवार) को मनाया जाएगा। यह दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ रहा है, जिसे देवउठनी एकादशी के रूप में भी जाना जाता है।
इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं और सभी शुभ कार्यों की शुरुआत इसी तिथि से होती है। इसलिए खाटू श्याम जयंती का यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।


खाटू श्याम जी का इतिहास

महाभारत काल में बर्बरीक, घटोत्कच और हिडिंबा के पुत्र थे। उनके पास तीन बाण और अपार शक्ति थी जिससे वे तीन तीरों में सम्पूर्ण युद्ध खत्म कर सकते थे।
जब भगवान श्रीकृष्ण ने उनसे पूछा कि युद्ध में किसका साथ दोगे, तो बर्बरीक ने कहा— “जो हार रहा होगा, मैं उसका साथ दूँगा।”
भगवान श्रीकृष्ण ने युद्ध के संतुलन के लिए उनका शीश मांगा और बर्बरीक ने बिना झिझक अपना सिर अर्पित कर दिया।
उनके इस त्याग से प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने वरदान दिया—

“कलियुग में तुम्हें ‘श्याम’ नाम से पूजा जाएगा, और जो तुम्हें सच्चे मन से पुकारेगा, उसकी हर मनोकामना पूरी होगी।”

इसी कारण आज खाटू श्याम बाबा को “हारे का सहारा” कहा जाता है।


पूजा विधि (घर पर या मंदिर में)

अगर आप 2025 में खाटू श्याम जयंती घर पर मनाना चाहते हैं तो नीचे दी गई पूजा-विधि का पालन करें:

  1. सुबह जल्दी स्नान करें और साफ लाल या पीले वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और पीले कपड़े पर श्याम बाबा की तस्वीर या मूर्ति रखें।
  3. ताजे फूल, माला, अगरबत्ती और दीपक जलाएं।
  4. बाबा श्याम को चंदन, रोली, अक्षत और फूल अर्पित करें।
  5. “ॐ श्री श्याम देवाय नमः” या “जय श्री श्याम” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  6. भोग में चूरमा, पेड़ा, खीर और दूध अर्पित करें।
  7. अंत में आरती करें और प्रसाद वितरण करें।

माना जाता है कि जो भक्त इस दिन सच्चे मन से श्याम बाबा की पूजा करता है, उसकी सभी बाधाएँ दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।


खाटू धाम में जयंती उत्सव

खाटू धाम में श्याम बाबा का जन्मोत्सव भव्य मेले के रूप में मनाया जाता है। लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं।
मंदिर को फूलों, लाइटों और रंग-बिरंगी सजावट से सजाया जाता है।
भक्त कीर्तन, भजन और श्याम नाम के जयकारों से पूरा वातावरण भक्ति-भाव से गूंज उठता है।

इस दौरान विशेष शृंगार, अभिषेक, झांकी और रथ यात्रा भी आयोजित की जाती है। भक्तों को प्रसाद के रूप में खीर, चूरमा, पेड़ा और मेवा दिया जाता है।


खाटू श्याम जी को प्रिय भोग

श्याम बाबा को दूध, पेड़ा, खीर और चूरमा बहुत प्रिय हैं।
कहा जाता है कि जो भक्त इन प्रसादों को शुद्ध भाव से अर्पित करता है, उसे श्याम बाबा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
मंदिरों में इस दिन “श्याम रसोई” का आयोजन किया जाता है, जहाँ भक्त स्वयंसेवा के रूप में भोजन बनाते और वितरित करते हैं।


धार्मिक महत्व

खाटू श्याम जयंती का सबसे बड़ा संदेश “समर्पण और करुणा” है।
यह पर्व सिखाता है कि जब कोई व्यक्ति अपना सर्वस्व ईश्वर को अर्पित करता है, तो वही सच्चा भक्त कहलाता है।
इस दिन भक्त “हारे का सहारा” नाम से शरण लेकर अपने सभी संकटों से मुक्ति की कामना करते हैं।

कहा जाता है कि —

“जो श्याम का नाम लेता है, उसके दुख और कष्ट मिट जाते हैं।”


खाटू श्याम जयंती पर करने योग्य कार्य


भक्ति और आस्था का प्रतीक

खाटू श्याम बाबा की सबसे बड़ी पहचान उनके भक्तों की सच्ची भावना है।
माना जाता है कि श्याम बाबा कभी अपने भक्तों की पुकार अनसुनी नहीं करते।
भक्तों के लिए उनका दरबार हमेशा खुला रहता है — “जो श्याम को याद करे, श्याम उसी का साथ निभाए।”


खाटू श्याम जयंती के लाभ

Final Thoughts

खाटू श्याम जयंती 2025 न केवल भक्ति का पर्व है, बल्कि यह त्याग, श्रद्धा और सच्चे समर्पण का प्रतीक भी है।
इस शुभ अवसर पर यदि आप मन, वचन और कर्म से श्याम बाबा की भक्ति करते हैं, तो आपके जीवन के हर संकट का समाधान संभव है।
इस दिन की पूजा से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और ईश्वर-भक्ति का मार्ग प्रकाशित होता है।
आइए इस वर्ष हम सब मिलकर कहें —

“जय श्री खाटू श्याम जी, हारे का सहारा तुम ही तो हो।”

FAQs

Q1. खाटू श्याम जयंती 2025 कब मनाई जाएगी?

खाटू श्याम जी की जयंती 1 नवंबर 2025, शनिवार को मनाई जाएगी।

Q2. यह कौन-सी तिथि को पड़ती है?

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को।

Q3. खाटू श्याम जी को कौन-सा भोग सबसे प्रिय है?

चूरमा, पेड़ा, खीर और दूध विशेष रूप से प्रिय हैं।

Q4. इस दिन क्या करना चाहिए?

सुबह स्नान कर पूजा करें, दान दें, भजन-कीर्तन करें और भगवान का नाम लें।

Q5. खाटू श्याम जयंती क्यों मनाई जाती है?

यह दिन श्याम बाबा (बर्बरीक) के जन्म का प्रतीक है, जिन्होंने अपना शीश भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित किया था।

Category: Khatu Shyam 2025 | Hindu Devotional | Indian Festivals

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